चांद सितारे देख के टूटती -बिखरती हैं! चांद सितारे देख के टूटती -बिखरती हैं!
कहीं ये यादें तुम्हें भी भिगो न दें। कहीं ये यादें तुम्हें भी भिगो न दें।
जो हमें मिला है वो हमीं तलक रह जाएगा रंज - ओ- गम के किस्से क्यूँ बच्चे तलाशेंगे जो हमें मिला है वो हमीं तलक रह जाएगा रंज - ओ- गम के किस्से क्यूँ बच्चे तलाशे...
पर ये कागज़ पर उतरी कविताएं हैं ना... कहां झूठ बोलती हैं. पर ये कागज़ पर उतरी कविताएं हैं ना... कहां झूठ बोलती हैं.
चांद सी भोली सी सूरत रूठती हो लगती हो आफ़त चांद सी भोली सी सूरत रूठती हो लगती हो आफ़त
सरहदों पर कितने पहरे हो गए, ज़ख्म फिर से कितने गहरे हो गए। सरहदों पर कितने पहरे हो गए, ज़ख्म फिर से कितने गहरे हो गए।